रतन टाटा का दाहिना हाथ : रतन टाटा (Ratan Tata) हमारे देश के साथ साथ दुनिया के सबसे बड़े सबसे उद्योगपति में से एक है। और उनकी दानवीरता के किस्से तो हम सब को पता ही है। हाल ही में उन्होंने 160 करोड़ रुपए की मदद से एक नए जानवरों के शेल्टर हाउस को भी बनाने का ऐलान किया है। और सालों तक उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से टाटा कंपनी (Tata Group) को नई बुलंदियों तक पहुंचाया। हालांकि अब उनकी उम्र हो चली है और अब इतनी बड़ी कंपनी की देख रेख करना उनके लिए बहुत बड़ी बात है। तो अब ऐसे एक खास आदमी इस सारे काम उनकी मदद करते हैं और आज हम आपको उनके बारे में ही जानकारी देने जा रहे हैं।
ये व्यक्ति हैं रतन टाटा का दाहिने हाथ
रतन टाटा की इतनी बड़ी कंपनी चलाने मदद करने वाले और उनके दाहिने हाथ के नाम से मशहूर इस व्यक्ति का नाम है एन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran)। वो अभी टाटा ग्रुप की सारी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर टाटा संस के वर्तमान अध्यक्ष भी बने हुए हैं। नटराजन टाटा समूह की अनेक ऑपरेटिंग कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, इनमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, एयर इंडिया, टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इंडियन होटल कंपनी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इत्यादि शुमार हैं। और जानकारों की माने तो श्री रतन टाटा की के बाद इस इतनी बड़ी कंपनी को संभालने का दायित्व उनको ही दिया जाने वाला है।
कहां किया पहले काम
इसके पूर्व वह टाटा की ही पैरेंट कंपनी टीसीएस (Tata Consultancy Services) के भी सीईओ के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। उनके मार्गदर्शन ने कंपनी ने कई सारी ऊंचाइयां हासिल की ओर देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बनी कंपनी और विदेशों में भी अपना डंका बजाया। और तो और देश में इतने बड़े आईटी उद्योग में टीसीएस का योदगान भी उनके कारण ही सफल हुआ। उन्होंने तीस साल से अधिक यानी अपनी आधी से ज्यादा जिंदगी टीसीएस को ही समर्पित कर दी जिसके परिणाम स्वरूप आज वो टीसीएस में इतने बड़े पद पर विराजमान हैं।
इतनी है सालाना आय
सूत्रों की मानें तो एन चंद्रशेखरन का सालाना पैकेज लगभग 109 करोड़ रुपये जितना है। वो वर्तमान समय में भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले लोगों में से एक हैं। वो फिल्हाल मुंबई में अपने परिवार के साथ अपने आलीशान घर में रहते हैं। फिलहाल वो साथ वर्ष के हैं और उनके अनुसार वो जब तक काम करने के लायक रहेंगे तब तक वो टीसीएस के साथ ही रहेंगे और टीसीएस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगे।