चंद्रयान-3 की सफलता आज भी भारतीयों में देखने को मिलती है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) को मिली इस सफलता के बाद वे अब अपने नए मिशन की तैयारी में लग चुके हैं। चंद्रयान-3 के बाद अब ISRO अपने नए लूनर मिशन के लिए चंद्रयान-4 की तैयारी में पूरी तरह से जुट गया है। चांद की सतह से मिट्टी और कंकड़ के सैंपल लाना चंद्रयान-4 को चांद पर भेजने का मुख्य उद्देश्य है। ISRO के इस मिशन के सफल होने के बाद, इंडिया स्पेस एक्सप्लोरेशन की रेस में सबसे आगे हो जाएगी। और हमारा भारत देश एक विकसित देश बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम रख देगा।
क्या होगी खासियत
लैंडिंग के बाद, चंद्रयान-4 सैंपल लेकर ऑर्बिट मॉड्यूल के साथ डॉकिंग करेगा और फिर पृथ्वी के एटमॉस्फियर के पास अलग होकर एटमॉस्फियर में वापस एंटर करेगा। चंद्रयान-3 के रोवर का वेट 30 किलोग्राम था जबकि चंद्रयान-4 के रोवर का वेट 350 किलोग्राम तक होगा। यह मिशन चंद्रयान-3 के मिशन से ज्यादा मुश्किल होगा. चंद्रयान-4 की सटीक लैंडिंग चांद के किनारे पर होनी है, जो इस मिशन का सबसे मुश्किल पार्ट होने वाला है क्योंकि इस एरिया को एक्सप्लोर करना अभी बाकी है। ये मिशन चंद्रयान 3 के द्वार इक्कठा की गई जानकारी का इस्तेमाल कर और जानकारी इकट्ठा करेगा, जिससे हमें चांद के बारे में और जानकारी प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
क्या होगा लक्ष्य
फिल्हाल इसरो द्वारा इसके बारे में अधिक जानकारी देने से मना कर दिया गया है। और उन्होंने बताया है कि ये हमारा आज तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होने जा रहा है। क्योंकि इसकी मदद से हम आगे के समय में भी अपने कई सारे प्रोजेक्ट्स को पूरा कर पाएंगे। और देश के विकास में एक बड़ा योगदान दे पाएंगे। उन्होंने कहा है कि इसे बनाने की तैयारी पूरे जोर शोर से चल रही है। और जल्द ही इसे लॉन्च भी कर दिया जाएगा। और इसे लांच करने के समय ही इससे जुड़ी सारी जानकारी आम जनता के सामने भी रख दी जाएगी।