लक्ष्यराज सिंह, महाराणा प्रताप के वंशज, जिसने बनाया 8 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्

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Maharana Pratap Grandson: जब भारत (India) में मुगल शासन (Mughal rule) कर रहे थे, और लोगों पर अत्याचार हो रहे थे. तो उस समय मेवाड़ (Mewar) के राजा महाराणा प्रताप (Raja Maharana Pratap) ने मुगलों के खिलाफ आवाज उठाते थे. और उन्हें चुनौती भी दिया करते थे। राजा महाराणा प्रताप ने मुगलों को अच्छे से धूल भी चटाई थी। महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) न केवल एक प्रसिद्ध राजा थे बल्कि वह एक वीर योद्धा भी थे। लोग आज भी महाराणा प्रताप और अकबर (Akbar)  के बीच हुई लड़ाई का आव्हान करते हैं।  हल्दीघाटी (Haldighati) का युद्ध (war) आज भी सभी को याद है। महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा (Brave Warrior) होने की वजह से सभी युद्धों का डटकर सामना किया है। और अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

हम आपको बता दें कि महाराणा प्रताप ही नहीं उनके बाद उनके वंशज भी साहसी व वीर योद्धा थे जो हर युद्ध में डटे रहने की पूरी-पूरी कोशिश की। इन्हीं कारणों की वजह से राजवाड़े की राजवाड़े खत्म होने के बावजूद भी मेवाड़ के राजघराने की जनता आज भी उन्हें उतना ही सम्मान व आदर सत्कार करती है. जितना कि वह मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप को देते थे। यदि बात करें महाराणा प्रताप के वंशज की तो मेवाड़ के महाराणा प्रताप के पोते महाराणा अरविंद सिंह है। जिनका नाम एक, दो या तीन में नहीं बल्कि आठ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।

lakshyaraj singh

जानें आठ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारें में

महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह जिन्होंने केवल 6 साल के भीतर ही 8 गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया था। इसमें सबसे अनोखी बात ये है कि महाराणा लक्ष्यराज सिंह ने ये सभी वर्ल्ड रिकॉर्ड समाजसेवा, महिला स्वच्छता, पर्यावरण आदी कामो से संबंधित बनाए हैं। महाराजा लक्ष्यराज सिंह ने अपना पहला रिकॉर्ड मार्च 2019 में हासिल किया था जिसमें उन्होंने तकरीबन 80 शहरों से 3.29 लाख 250 कपड़ो को इकट्ठा करके जरूरतमंदों तक पहुंचाए थे।

उन्होंने अपना दूसरा रिकॉर्ड अगस्त 2019 में बनाया था। जिसमें उन्होंने 24 घंटे के अंदर सरकारी स्कूल के सभी विद्यार्थियों को 20 टन से भी ज्यादा स्टेशनरी संबंधित सामानों को बांटा था। बात करें उनके  तीसरे वर्ल्ड रिकॉर्ड की तो उन्होंने तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड साल 2020 में बनाया था। इस रिकार्ड को हासिल करने के लिए उन्होंने अपनी टीम के साथ 20 सेकंड में 4,039 पौधे रोंपने का कार्य किया था। धीरे-धीरे करके ठीक इसी तरह उन्होंने नए-नए रिकॉर्ड बनाते हुए 8 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए।