ये एक ऐसे बालक की कहानी है जो एक बिल्कुल ही गरीब घर से था। जिसे मिडल क्लास (Middle class) नहीं बल्कि बीपीएल परिवारों में गिना जाता था। एक ऐसा घर जहां पर दो वक्त को खाने को रोटी भी नही मिलती थी। और ऐसे घर से इस बल्क ने मुश्किलों से लड़ कर के आज आईएएस (Indian Administrative Service) बनने का अपना स्वप्न पूर्ण कर लिया है। और आज के समय में यूपीएससी (Union Public Service Commission) जैसी कठिन परीक्षा को सफलता पूर्वक पास कर के सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं। इस लड़के का नाम है अनिल कुमार बसाक
पिता चलाते थे फेरी
अनिल साल 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में परचम लहरा कर के आईएएस बने। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ये काम कर दिखाया और 45वी रैंक ले आए। आपको बता दें कि इसके पहले वो 616 रैंक भी लाए थे पर वो इतने से खुश नहीं थे और इसी कारण से अपने दूसरे प्रयास में सफल होने के बाद भी उन्होंने तीसरा प्रयास देने का सोचा। अपने पहले प्रयास में भी उन्होंने खूब मेहनत की थी पर मैंस में सफलता नहीं पा सके थे।
IIT भी की क्लियर
उन्होंने साल 2014 में आईआईटी में दाखिला लिया था। वो आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजिनियरिंग के छेत्र में चयनित हुए थे। और 2018 में पास होने के बाद उन्होंने कोचिंग भी शुरू की। हालांकि उनको ये काम अधीक रास नहीं आया और उन्होंने इसे जल्दी ही छोड़ दिया। आपको बता दें कि उनके पिता एक मामूली फेरी वाले थे और उन्होंने सालों तक कपड़े बेच कर अपने बेटे को यहां तक लाने का काम किया है।