Supreme Court News: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने एक केस की सुनवाई में फैसला सुनाते हुए कहा है कि पिता के साथ रिश्ता नहीं रखने वाली बेटी को पिता की संपत्ति से कुछ भी नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक तलाक के मामले में दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि जो भी बेटियां अपने पिता से किसी भी प्रकार का रिश्ता नहीं रखना चाहती हैं उनके पिता की संपत्ति पर उनका कोई अधिकार नहीं होगा अथवा पिता बेटी की पढ़ाई या शादी का खर्चा नहीं उठायेगा।
जस्टिस एमएम सुंदरेश (MM Sundresh) और जस्टिस संजय किशन कौल ( Sanjay kishan kaul) ने तलाक के मामले में यह सुनवाई करते हुए कहा है कि यदि बेटी की उम्र 20 वर्ष से अधिक है और वह अपने पिता से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती है तो फिर उसे अपनी पढ़ाई और शादी की खर्च के लिए पिता से पैसे मांगने का कोई अधिकार नहीं है। आपको बता दें यह मामला एक तलाक का है जिसमें याचिकाकर्ता अपनी पत्नी से तलाक के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
पति को देने होंगे 10 लाख रुपये
सर्वोच्च अदालत ( Supreme Court ) ने तलाक की मंजूरी देते हुए कहा कि पत्नी पति के साथ नहीं रहना चाहती है वह अपने भाइयों के साथ रहना चाहती है। पति उसकी और बेटी के पढ़ाई का खर्चा उठा रहा है। पति की ओर से पत्नी को ₹8000 महीना गुजारा भत्ता दिया जा रहा है। सर्वोच्च अदालत ने कहा की पति एक मस्त 10 लाख रुपए पत्नी को देखकर मुक्त हो सकता है।
जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि मां अपनी बेटी की मदद करना चाहती है तो वह रकम उसके पास रहेगी। पति ने तलाक के लिए जिला अदालत में अर्जी दी थी जिसको मंजूर कर ली गई थी। इसके बाद पत्नी ने जिला अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। बाद में हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को रद्द कर दिया और पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद पति ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई और सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र की मदद से पति-पत्नी में सुलह कराने की कोशिश की लेकिन वह इसमें सफल रहे इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी।