भारत का वो राजा, जो दारु पीते ही बन जाता था गरीब! मांगने लगता था लोगों से भीख

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भारत (India) देश में राजाओं (Kings) महाराजाओं के किस्से कहांनिया भी काफी अजीबोगरीब सुनने को मिली है। आज हम आपको ऐसा ही एक किस्सा बताने जा रहे है। दरअसल ये किस्सा गुजरात की इडर रियासत के महाराजा श्री हिम्मत सिंहजी दौलतसिंहजी राठौर का है। बता दें कि ये राजा नशा करने के बाद खुद को भिखारियों की तरह फटे-पुराने कपड़े पहन कर खुद के दरबार में भीख मांगने लगता था.

इस राजा की कहानी को दीवान जर्मनी दास ने अपनी एक किताब में लिखा है। दरअसल आजादी से पहले जर्मनी दास ने देश कई राजाओं और महाराजाओं के खास हुआ करते थे। इतना ही जर्मनी दास कई रियासतों में वो दीवान जैसे पद पर रहे है। जिस कारण वो राजाओं महाराजाओं को काफी करिब से देखा परखा और जाना है। जिसके बाद उन्होंने इस पर काफी रोचक किताव भी लिखी है।

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महाराजा इंग्लैंड क्यों जाते थे

जर्मनी दास की लिखी हुई किताब महाराजा काफी हिट रही है। आपको बता दें कि गुजरात के राजा के बारे में जर्मनी दास ने अपनी किताब में एक पुरा अध्याय लिखा है। दरअसल दास ने अपनी किताब में ये साफ लिखा है की 14 अप्रैल 1931 को श्रीहिम्मत सिंहजी को रियासत की कमान मिली। जिसके बाद वो गुजरात के रियासत के सिंहासन पर बैठे फिर उन्हे 15 तोपों की सलामी भी दी गई थी। बता दें कि महाराजा हर 3-4 पर इंग्लैंड जाया करते थे. वो अक्सर पार्टियां दिया करते थे और उनकी पार्टी में शराब भी खुब चला करता था।

कैसे महाराजा भीखारी बन जाता था

दरअसल महाराजा हिम्मत सिंह स्कॉच के कुछ पैक पी लेते थे और वो नशे में आने के बाद जो वो करते थे वो बेहद ही हैरान करने वाला द्श्य हो जाता था दरअसल नशा में आने के बाद महाराजा खुद को भिखारी समझने लगते थे और भिखारी की तरह फटे-पुराने कपड़े पहन लेते थे और भिख मांगने लगते थे। वो अपने दरवारियो से कहते थे भिखारी हुं बाबा गरीब हुं कई दिनों से खाना नही खाया है, कुछ पैसे दे दो, आपको बता दें की दरबारी भी उन्हें तुरंत पैसे दे दिया करते थे। जिसके बाद महाराजा उन्हे झुक कर सलाम भी किया करते थे और धन्यवाद बोला करते थे।