अंबानी, अडानी से भी बड़ा दानवीर निकला ये भारतीय कारोबारी! दान किया 829734 करोड़ रुपये

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Hurun Philanthropy List: शिक्षा (Education) और स्वास्थ्य (health) के क्षेत्र में दुनिया भर में लोग करोड़ों रुपए दान करते हैं तो आइये आज जानते हैं कौन है वह शख्स जिसने करोड़ों रुपए दान किए। एडेलगिव फाउंडेशन और हुरून रिपोर्ट (Edelgive Foundation and Hurun Report) 2021 द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट (Report)  के अनुसार, टाटा समूह (Tata Group) के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) को पिछले सदी का सबसे दानी व्यक्ति घोषित किया गया है।

संस्थापक जमशेदजी टाटा को दुनिया का सबसे दानवीर और परोपकारी व्यक्ति घोषित किया गया है उन्होंने 829734 करोड रुपए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र मे दुनिया भर में दान किए हैं। तो वही वर्तमान समय के अमीरों की सूची में शामिल बिल गेट्स ने दूसरा स्थान हासिल किया। जमशेदजी टाटा ने अपने अधिकतर दान स्वास्थ्य और शिक्षा की सेवा एवं गरीब के स्वास्थ और शिक्षा की सेवा में लगा दिया था। जमशेदजी टाटा जी ने यह कार्य 1892 में शुरू किया था। उन्होंने भारत देश के प्रगति एवं गरीबों को हटाने में बड़ा योगदान दिया था।

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जानें Jamsetji Tata ने कब ली अंतिम सांसे

आपको बता दे जमशेदजी टाटा ने 1904 में अपनी अंतिम सांसें ली और टाटा समूह के अध्यक्ष रतन जी टाटा (Ratan Tata) अब टाटा समूह के परोपकारी गतिविधियों का ध्यान रखते हैं। हुरून रिपोर्ट के अध्यक्ष और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा, कई परोपकारियों ने पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दान दिए, जैसे की फोर्ड फाउंडेशन की कहानी जिसे हेनरी फोर्ड के बेटे द्वारा स्थापित किया गया था।

यहां देखें किसने किया था दान

आपको बता दे, फोर्ड फाउंडेशन गरीबी और अन्याय को कम करने, लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और मानव उपलब्धि को आगे बढ़ाने की कार्य करता है। जमशेदजी टाटा के अलावा, शीर्ष 50 वैश्विक दानवीरों और परोपकारियों की सूची में शामिल होने वाले एकमात्र अन्य भारतीय विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी थे जिन्होंने 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर दान दिया था। 1904 में जमशेदजी टाटा के निधन के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष रतन जी टाटा समूह के परोपकारी गतिविधियों का ध्यान रखते हैं।जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 में दक्षिणी गुजरात के नवसारी में पारसी परिवार में हुआ था। 19 मई 1904 को 65 साल की आयु में उनकी मृत्यु हुई थी। उनका पूरा नाम जमशेदजी नौसीरवानजी टाटा था। मात्र 14 साल की उम्र में ही जमशेदजी अपने पिता के साथ मुंबई आ गए और व्यवसाय में कदम रखा था।टाटा ने हीराबाओ दब्बू से शादी की जिनसे उनको दो बेटे दोराबजी टाटा और रतनजी टाटा हुए जिन्होंने बाद टाटा समूह का कारोबार संभाला।