SATCOM : आपको बता दें कि,भारती ग्रुप समर्थित कंपनी One Web ने स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन कर दिया है और अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल जून तक कमर्शियल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड फैसेलिटीज को शुरू भी कर दिया जाएगा। इस पूरीबात की जानकारी, ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (HCIPL) के हेड अधिकारी ने दी है। केवल इतना ही नहीं ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया One Web ने भारत में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) कनेक्टिविटी सेवाएं को देने के लिए छह साल तक के डिस्ट्रीब्यूशन पर पार्टनरशिप करार करते हुए उसपर पर सिग्नेचर भी कर दिए हैं।
HCIPL के प्रेसिडेंट व मैनेजिंग डायरेक्टर शिवाजी चटर्जी का कहना है कि One Web से भारत में अर्ली-मूवर एडवांटेज भी प्रदान हो सकता है। जिसके कारण से क्षेत्र डेवलपमेंट या डेटा लिंक स्पीड में पीछे हैं। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक One Web ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट (DoT) के वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग (WPC) को रिक्वेस्ट भी किया है। चटर्जी ने बताया है कि स्पेक्ट्रम मिलने के बाद ही One Web अपनी कमर्शियल फैसिलिटीज को स्टार्ट कर सकता है।
आपको बता दें कि,One Web का एयरो, मैरीटाइम व लैंड मोबिलिटी, 4G के लिए सेलुलर बैकहॉल, रक्षा, ऑफ-शोर रिग, फिर डिस्टेंस बैंकों पर इंपॉर्टेंट इंप्रेशन पड़ सकता है।
केवल इतना ही नहीं,भारत सरकार ने सैटेलाइट कंपनियों को एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेस से स्पेक्ट्रम एलोकेट करने का निर्णय भी कर लिया है। इस बात की जानकारी चटर्जी ने खुद दी है कि एडमिनिस्ट्रेटिव आवंटन का अर्थ यह नहीं होगा कि स्पेक्ट्रम आपको फ्री में मिलेगा। वीसैट सेवा प्रदाताओं को अब भी स्पेक्ट्रम यूसेज़ चार्ज (SUC) देना होगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि भारत सरकार टेस्ट स्पेक्ट्रम भी दे सकती है। यह हनुमान भी लगाया जा रहा है कि सेटकॉम में भारत की सबसे प्रथम भूमिका होगी।